सहायक,इनकम टैक्स,सेंट्रल एक्साइज आ सीबीआई इंस्पैक्टर के रिक्त पद पर बहाली हएत
फरवरी के अंत तक नियुक्ति पत्र भेटबाक संभावना
(हिंदुस्तान,पटना,31 दिसम्बर,2009)
Thursday 31 December, 2009
रैशनलाइजेशन जल्दी पूरा करबाक निर्देशःहिंदुस्तान। रैशनलाईजेशन रिपोर्ट सौंपल गेलः नई दुनिया
अझुका हिंदुस्तान में प्रकाशित खबरि में कहल गेल छैक जे राजभवन विश्वविद्यालय सभ के रैशनलाइजेशन प्रक्रिया शीघ्र पूरा करबाक निर्देश देने छैक।मुदा,अझुके नई दुनिया,दिल्ली संस्करण में प्रकाशित खबरि के मोताबिक,काल्हि सभ विश्वविद्यालय रैशनलाईजेशन रिपोर्ट मानव संसाधन विभाग के सौंप देलक। दुनू खबरि पढ़ूः-
(हिंदुस्तान,पटना,31 दिसम्बर,2009)
(नई दुनिया,दिल्ली,31 दिसम्बर,2009)
(हिंदुस्तान,पटना,31 दिसम्बर,2009)
(नई दुनिया,दिल्ली,31 दिसम्बर,2009)
वेतन समिति रिपोर्ट सं केओ खुश नहिं। 7 कए हएत प्रतिवाद रैली
Wednesday 30 December, 2009
प्राइमरी में ड्रेस देल जाएत
वेतन कमेटी के सिफारिश मंजूर
Tuesday 29 December, 2009
डॉ. मिश्र विश्वविद्यालय सभहक स्थिति पर चिंतित
पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र राज्य में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वेतनमान लागू करबाक मांग कएलनि अछि। हुनकर कहब छनि जे उच्च शिक्षा तंत्र में बेसी स्वायत्तता, स्वतंत्रता आ लचीलापन जरुरी छैक। ओ एक विज्ञप्ति जारी कए कहलनि जे राज्य के विश्वविद्यालय आ महाविद्यालय सभ में लगातार गुणात्मक ह्रास भ रहल अछि। 1996 सं लगातार 8 हजार सं बेसी पद रिक्त छैक। कालबद्ध प्रोन्नति और मेधा आधारित प्रोन्नति 1996 सं बंद छैक। ओ एहि ज्ञात तथ्य सं सहमति व्यक्त कएलनि जे प्राचार्यक नियुक्ति में, विश्वविद्यालयों मेधा आ वरीयता के दरकिनार करैत पक्षपात आ अनियमितता बरतने अछि। ओ कहलनि जे महाविद्यालय में शैक्षणिक माहौल चौपट भेल जा रहल छैक आ शिक्षकलोकनि में असंतोष व्याप्त छनि। हुनक विचार रहनि जे उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता बहाल करबा लेल कठोर आ प्रभावकारी निर्णय लेबाक आवश्यकता छैक। ओ सलाह देलनि जे कुलाधिपति के उच्च शिक्षा आ उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान सभहक समीक्षा कए कार्रवाई करबाक चाहिएनि ।
(दैनिक जागरण,मुजफ्फरपुर संस्करण में 27 दिसम्बर,2009 कए प्रकाशित खबरि पर आधारित)
(दैनिक जागरण,मुजफ्फरपुर संस्करण में 27 दिसम्बर,2009 कए प्रकाशित खबरि पर आधारित)
Monday 28 December, 2009
रैशनलाइजेशन के बादे विश्वविद्यालय में भर्ती हएत
प्रोफेसर के कारोबारःडिग्री ल क करता कपार
कतेको बेर,लोक ई नहिं निश्चय क पबैत अछि जे कोन दिसि आगू बढ़ू। एही तरहक एक प्रोफेसरक मामला प्रकाश में आयल छैक जनिका लग एम.ए.,डी.लिट. आ पीएचडी डिग्री के भरमार छनि। एतेक समय जं ओ अपन अध्यापन के विषय में लगओने रहितथि त कोनो असाधारण काज हेबाक संभावना छलैक। अहूं पढू ई रिपोर्ट-
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,28 दिसंबर,2009)
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,28 दिसंबर,2009)
विश्वविद्यालयकर्मी लेल कैट सन संस्था बनत
कल्हुका दैनिक जागरण केर मुजफ्फरपुर संस्करण में प्रकाशित खबरि के अनुसार,विश्वविद्यालय के शिक्षक आ शिक्षकेतर कर्मीलोकनि कें आब बकाया वेतन, पूर्ण वेतन, पेंशनादि लाभ अथवा प्रोन्नति लेल हाईकोर्ट नहिं जाए पड़तैन। राज्य सरकार नव वर्ष में हुनका सभहक लेल केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के तर्ज पर अलग न्यायाधिकरण के स्थापना करए जा रहल अछि। वित्त विभागक तमाम आपत्ति के दरकिनार करैत, मानव संसाधन विकास विभाग अपन प्रस्ताव कैबिनेट के मंजूरी लेल भेज देने अछि। जं सब कुछ ठीक-ठाक रहल त राजगीर के विश्वशांति स्तूप पर काल्हि होमय बला कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी भेट जाएत।
Sunday 27 December, 2009
देशभरि में शिक्षक कें 12.06 लाख पद खाली
देश भरि में टीचर के 12.06 लाख पद खाली छैक। एकर अतिरिक्त,7.72 लाख टीचर अनट्रेंड छथि। हालहि में स्कूली शिक्षा के ल कए मानव संसाधन मंत्रालय के सम्मेलन में एहि मुद्दा के समीक्षा कएल गेलैक। बैठक में इहो बात खुजल जे कतेको राज्य में शिक्षकलोकनिक क्वॉलिटी के संबंध में मारिते विसंगतियां छैक।
'राइट टु एजुकेशन' के तहत 30:1 के स्टूडेंट-टीचर अनुपात (पीटीआर) रखबा लेल,5.1 लाख अतिरिक्त टीचर चाही। एखन, 5.29 लाख स्कूल (कुल स्कूलों का 53.2 प्रतिशत) में 30:1 सं बेसी पीटीआर छैक।
13 राज्य में टीचर एजुकेशन कपैसिटी पर्याप्त छैक, मुदा पूर्वोत्तर के सातो राज्य में अनट्रेंड टीचरक प्रतिशत बेसी छैक । आठ राज्यक स्थिति गड़बड़ाएल छैक जतए अनट्रेंड टीचरक संख्या त बेसी अछिए,टीचर एजुकेशन कपैसिटीयो अपर्याप्त छैक।
आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, आ उत्तराखंड में अनट्रेंड टीचरक संख्या बहुत कम छैक। एहि राज्य सभ में 2.33 लाख नव टीचरलोकनिक जरूरत छैक आ 94,000 सेवारत टीचर कें ट्रेंड करब जरूरी छैक। कर्नाटक में एकहुटा अनट्रेंड टीचर नहिं छैक परन्तु दिल्ली, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र आ तमिलनाडु में अनट्रेंड टीचरक अनुपात एक प्रतिशत सं कम छैक।
(नभाटा,दिल्ली,27 दिसंबर,2009 में प्रकाशित अक्षय मुकुल केर रिपोर्ट पर आधारित)
'राइट टु एजुकेशन' के तहत 30:1 के स्टूडेंट-टीचर अनुपात (पीटीआर) रखबा लेल,5.1 लाख अतिरिक्त टीचर चाही। एखन, 5.29 लाख स्कूल (कुल स्कूलों का 53.2 प्रतिशत) में 30:1 सं बेसी पीटीआर छैक।
13 राज्य में टीचर एजुकेशन कपैसिटी पर्याप्त छैक, मुदा पूर्वोत्तर के सातो राज्य में अनट्रेंड टीचरक प्रतिशत बेसी छैक । आठ राज्यक स्थिति गड़बड़ाएल छैक जतए अनट्रेंड टीचरक संख्या त बेसी अछिए,टीचर एजुकेशन कपैसिटीयो अपर्याप्त छैक।
आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, आ उत्तराखंड में अनट्रेंड टीचरक संख्या बहुत कम छैक। एहि राज्य सभ में 2.33 लाख नव टीचरलोकनिक जरूरत छैक आ 94,000 सेवारत टीचर कें ट्रेंड करब जरूरी छैक। कर्नाटक में एकहुटा अनट्रेंड टीचर नहिं छैक परन्तु दिल्ली, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र आ तमिलनाडु में अनट्रेंड टीचरक अनुपात एक प्रतिशत सं कम छैक।
(नभाटा,दिल्ली,27 दिसंबर,2009 में प्रकाशित अक्षय मुकुल केर रिपोर्ट पर आधारित)
मीडिया पर शोध
किछु दिन पूर्व,राजकिशोर लेख अपने सभहक विचारार्थ प्रस्तुत कएने रही जहि में बताओल गेल रहैक जे उच्च शिक्षा केर गुणवत्ता पीएचडी केर अनिवार्यता सं निश्चित नहिं कएल जा सकैछ। प्रस्तुत आलेख ओहि कड़ी के आगू बढ़बैत बता रहल अछि जे केना शोधार्थी लोकनि पीएचडी करबाक हड़बड़ी में,स्त्रोत सामग्री के टीपि रहल छथिः
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,27 दिसम्बर,2009)
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,27 दिसम्बर,2009)
Saturday 26 December, 2009
Friday 25 December, 2009
प्रखंड में खुलत आवासीय स्कूल
सरकार हर प्रखंड में नवोदय विद्यालय सन आवासीय विद्यालय खोलत। काल्हि उप- मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी विधानपरिषद में कहलनि जे एहि स्कूल में प्रखंड के स्थानीय बच्चे टा के नामांकन हएत। हुनक कहब रहनि जे पूसा के बाद सरकार सबौर में कृषि विवि खोलए जा रहल अछि। पहिल बेर कक्षा तीन सं पांच धरिक लेल 500 रुपये के दर सं पोशाक देबाक व्यवस्था भ रहल छैक। मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत 5.65 लाख स्कूली बच्चा के साइकिल देल जाएत। अनुसूचित जाति आ जनजाति के छात्र-छात्रालोकनिक लेल छात्रवृत्ति के वास्ते बेसी राशि खर्च करए पड़ि रहल छैक। एही विषय पर हिंदुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट सेहो देखूः
अमीन के चारि हजार सं बेसी पद खाली
सरकार ने स्वीकार कि राज्य में अमीन के 4066 पद रिक्त अछि। कुल 4513 पदों छैक मुदा मात्र 447 अमीन कार्यरत छथि। राजस्व आ भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव काल्हि विधानसभा में ई स्वीकार करैत कहलनि जे कर्मचारी चयन आयोग के 260 पद लेल अधियाचना पठाओल गेल छैक। अनुबंध आधार पर नियुक्ति के गप्प सेहो छैक। तहि लेल नियमावली के अंतिम रूप देल जा रहल छैक।
Thursday 24 December, 2009
देखू के-के छथि गोल्ड मेडलिस्ट
पटना यूनिवर्सिटी में काल्हि गोल्ड मेडल देल गेल। वर्ष 2007 लेल श्री जीवछ राम आ 2008 लेल श्री विनोद कुमार मंडल स्वर्णपदक जीतलनि। दुनू गोटे निश्चित रूप सं गैर-ब्राह्मण छथि। हुनक पदक जीतब किछु माह पूर्व समय-साल पत्रिका में बहरायल ओहि आलेख के पुष्टि करैत छैक जहि में कहल गेल छल जे प्रतियोगिता परीक्षा सभ में आ मैथिली विषय ल कए पढनिहार लोकनि में गैर-ब्राह्मणक संख्या बेसी छैकः
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,24 दिसम्बर,2009)
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,24 दिसम्बर,2009)
Wednesday 23 December, 2009
डीयू में कंप्यूटर आ पर्यावरण केर पढ़ाई अनिवार्य हएत
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में 2010-11 सत्र सं कंप्यूटर साइंस आ पर्यावरण विज्ञानक पढ़ाई अनिवार्य करबाक तैयारी भ गेल छैक। ग्रैजुएशन र्फस्ट ईयर में एडमिशन लेनिहार हर स्टूडेंट के ई दुनू सब्जेक्ट पढए पड़तनि, चाहे ओ साइंसक होथि कि कॉमर्स अथवा आर्ट्स के। सेशन 2010-11 में ही सेमेस्टर सिस्टम लागू करबा लेल बनाओल गेल हाई लेवल कमिटी कंप्यूटर साइंस आ एनवायरनमेंट साइंस के पढ़ाई जरूरी बनेबाक बात फाइनल प्रपोजल में शामिल क लेने अछि। डीयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर दीपक पेंटल के कहब छनि जे र्फस्ट ईयर के हर स्टूडेंट के कंप्यूटर आ एनवायरनमेंट साइंस पढ़ए पड़तनि। हुनकर कहब छनि जे नबका सेशन सं हर ऑनर्स कोर्स में तीन साल में 24 पेपर हएत जहि में 15 त मेन सब्जेक्ट के रहत आ 6 टा दोसर विषय के । तीन पेपर जनरल हएत। जनरले पेपर्स में कंप्यूटर साइंस आ एनवायरनमेंट साइंस शामिल रहत।
प्रो. पेंटल के कहब रहनि जे यूनिवसिर्टी में ई-लर्निंग प्रोजेक्ट जोर-शोर सं चलि रहल छैक मुदा डीयू में एडमिशन लेनिहार सभ स्टूडेंट्स कंप्यूटर फ्रेंडली नहिं होइत छथि आ कॉलेज में चलि रहल ई-लर्निंग प्रोजेक्ट के फायदा नहिं उठा पबै छथि। तें,हर स्टूडेंट के कंप्यूटर ऐप्लीकेशन के नॉलेज देल जेतैक। जखन ग्रैजुएशन लेवल पर सभ स्टूडेंट्स के लेल ई पेपर कंपल्सरी भ जाएत,त करीब 50 हजार स्टूडेंट्स के लेल ऑनलाइन एग्जामक इंतजाम करए पड़तैक।
(12 दिसम्बर,2009 केर नभाटा में प्रकाशित भूपेन्द्र के रिपोर्ट पर आधारित)
प्रो. पेंटल के कहब रहनि जे यूनिवसिर्टी में ई-लर्निंग प्रोजेक्ट जोर-शोर सं चलि रहल छैक मुदा डीयू में एडमिशन लेनिहार सभ स्टूडेंट्स कंप्यूटर फ्रेंडली नहिं होइत छथि आ कॉलेज में चलि रहल ई-लर्निंग प्रोजेक्ट के फायदा नहिं उठा पबै छथि। तें,हर स्टूडेंट के कंप्यूटर ऐप्लीकेशन के नॉलेज देल जेतैक। जखन ग्रैजुएशन लेवल पर सभ स्टूडेंट्स के लेल ई पेपर कंपल्सरी भ जाएत,त करीब 50 हजार स्टूडेंट्स के लेल ऑनलाइन एग्जामक इंतजाम करए पड़तैक।
(12 दिसम्बर,2009 केर नभाटा में प्रकाशित भूपेन्द्र के रिपोर्ट पर आधारित)
अगिला साल सं दिल्ली विश्वविद्यालय में पुनर्मूल्यांकन नहिं
अगिला साल सं दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रलोकनिक लेल री-वैल्यूएशन के विकल्प खत्म होमय जा रहल अछि। विश्वविद्यालय केर योजनानुसार, एक स्टूडेंट के उत्तर-पुस्तिका आब तीन सं चारि एग्जामिनर तक जंचताह ताकि गलती के गुंजाइश नहिं रहए आ री-वैल्यूएशन के जरूरते नहिं पड़ए । अगिल साल सं ग्रैजुएशन लेवल पर सेमेस्टर सिस्टम लागू भेलाक बाद सेंट्रलाइज्ड इवैल्यूएशन हएत। यूनिवसिर्टी के मोताबिक, एक आंसर शीट में देल क्वेश्चन के टीचर्स के बीच बांटि देल जेतैक। मानि लिअ, कोनो पेपर में आठ क्वेश्चन छैक,त हर टीचर के दू-दू टा क्वेश्चन जांचए लेल कहल जेतनि। हेड एग्जामिनर पूरा प्रोसेस पर नजरि रखताह। यूनिवर्सिटी में सभ साल हजारों असंतुष्ट छात्रलोकनि री-वैल्यूएशन लेल आवेदन करैत छथि जेकर प्रोसेस बहुत लंबा चलेत छैक आ स्टूडेंट्स के कतेको महीना धरि रिजल्ट के इंतजार करए पड़ैत छनि।
(नभाटा,22 दिसम्बर,2009 केर अंक में भूपेंद्रक रिपोर्ट पर आधारित)
(नभाटा,22 दिसम्बर,2009 केर अंक में भूपेंद्रक रिपोर्ट पर आधारित)
अल्पसंख्यक के पीएचडी कराओत सरकार
सरकार अल्पसंख्यक सभहक लेल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना शुरू क देने अछि। एहि लेल हुनका सभ के राष्ट्रीय पात्रता या राज्योस्तरीय पात्रता परीक्षा नहिं देमय पड़तनि। मौलाना अबुल कलाम आजाद राष्ट्रीय छात्रवृत्ति नामक एहि योजना लेल चालू वित्त वर्ष में सरकार 15 करोड़ रुपया के प्रावधान कएने अछि। ई योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के माध्यम सं संचालित हएत आ एम.फिल व पीएचडी करनिहार 756 शोधार्थी के हर साल ई छात्रवृत्ति देल जेतैक। ओहि में सं 30 प्रतिशत छात्रवृत्ति छात्रालोकनिक लेल आरक्षित रहत। मुदा, छात्रालोकनि में पर्याप्त शोधार्थी नहिं भेटला पर हुनकर कोटा के सीट, समुदाय के आन छात्रलोकनि के द देल जेतनि। जं कोनो साल दुनू वर्ग में पर्याप्त शोधार्थी नहिं भेटल त ओकरा अगिला बरखक छात्रवृत्ति में जोड़ि देल जेतैक। सालाना ढाई लाख आय सीमा बला परिवारक अभ्यर्थी छात्रवृत्ति के पात्र हेताह मुदा हुनका मेरिट में सेहो पास होमय पड़तनि। एत्ते सभ त ठीक,मुदा विचारणीय ई छैक जे अल्पसंख्यक वर्ग में एम. फिल आ पीएचडी करबाक ललल कत्तेक बांचल छैक?
(दैनिक जागरण,पटना,23 दिसम्बर,2009 में प्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित)
(दैनिक जागरण,पटना,23 दिसम्बर,2009 में प्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित)
मौलाना मजहरूल हक विश्वविद्यालय के नव रूप देल जाएत
मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविघालय के बहुत जल्दी जमीन उपलब्ध कराओल जाएत। जमीनक तलाश शुरू भ गेल छैक। एहि जगह पर राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के निर्माण कराओल जाएत। विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहलनि जे एकरा नालंदा विश्वविघालय जकां विकसित कएल जेतैक। 1992 में स्थापित एहि विश्वविद्यालय में आलिम-फाजिल सहित आनो पाठ्यक्रम में पढनिहारक संख्या ढाई हजार तक भ गेल छैक। शिक्षा मंत्री हरि नारायण सिंह कहलनि जे ई देश के पहिल विश्र्वविद्यालय अछि जतए आलिम- फाजिल के परीक्षा होईत छैक। कुलपति डा. कमर अहसन कहलनि जे विश्र्वविद्यालय के आल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन सं मान्यता भेट गेल छैक। एही विषय पर हिंदुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट सेहो पढ़ूः
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