कतेको बेर,लोक ई नहिं निश्चय क पबैत अछि जे कोन दिसि आगू बढ़ू। एही तरहक एक प्रोफेसरक मामला प्रकाश में आयल छैक जनिका लग एम.ए.,डी.लिट. आ पीएचडी डिग्री के भरमार छनि। एतेक समय जं ओ अपन अध्यापन के विषय में लगओने रहितथि त कोनो असाधारण काज हेबाक संभावना छलैक। अहूं पढू ई रिपोर्ट-
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,28 दिसंबर,2009)
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