अगिला साल सं दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रलोकनिक लेल री-वैल्यूएशन के विकल्प खत्म होमय जा रहल अछि। विश्वविद्यालय केर योजनानुसार, एक स्टूडेंट के उत्तर-पुस्तिका आब तीन सं चारि एग्जामिनर तक जंचताह ताकि गलती के गुंजाइश नहिं रहए आ री-वैल्यूएशन के जरूरते नहिं पड़ए । अगिल साल सं ग्रैजुएशन लेवल पर सेमेस्टर सिस्टम लागू भेलाक बाद सेंट्रलाइज्ड इवैल्यूएशन हएत। यूनिवसिर्टी के मोताबिक, एक आंसर शीट में देल क्वेश्चन के टीचर्स के बीच बांटि देल जेतैक। मानि लिअ, कोनो पेपर में आठ क्वेश्चन छैक,त हर टीचर के दू-दू टा क्वेश्चन जांचए लेल कहल जेतनि। हेड एग्जामिनर पूरा प्रोसेस पर नजरि रखताह। यूनिवर्सिटी में सभ साल हजारों असंतुष्ट छात्रलोकनि री-वैल्यूएशन लेल आवेदन करैत छथि जेकर प्रोसेस बहुत लंबा चलेत छैक आ स्टूडेंट्स के कतेको महीना धरि रिजल्ट के इंतजार करए पड़ैत छनि।
(नभाटा,22 दिसम्बर,2009 केर अंक में भूपेंद्रक रिपोर्ट पर आधारित)
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