किछु दिन पूर्व,राजकिशोर लेख अपने सभहक विचारार्थ प्रस्तुत कएने रही जहि में बताओल गेल रहैक जे उच्च शिक्षा केर गुणवत्ता पीएचडी केर अनिवार्यता सं निश्चित नहिं कएल जा सकैछ। प्रस्तुत आलेख ओहि कड़ी के आगू बढ़बैत बता रहल अछि जे केना शोधार्थी लोकनि पीएचडी करबाक हड़बड़ी में,स्त्रोत सामग्री के टीपि रहल छथिः
(साभारःहिंदुस्तान,पटना,27 दिसम्बर,2009)
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