* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Sunday 31 January, 2010

महाराष्ट्र में एंटी-रैगिंग समिति

महाराष्ट्र में रैगिंग केर बढ़ैत घटना के देखैत राज्य सरकार सतर्क भ गेल अछि। उच्च आ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश टोपे रैगिंग रोकबा लेल उच्च स्तरीय समिति गठित करबाक प्रस्ताव मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के पास मंजूरी लेल पठओने छथि। एहि उच्चस्तरीय समिति में मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री आ राज्यपाल रहताह। राज्य सरकार आगामी शैक्षणिक वर्ष में सभ कॉलेज में रैगिंग-विरोधी जागरूकता अभियान शुरू करबाक निर्णय सेहो लेने अछि। जागरूकता अभियानक अंतर्गत छात्रलोकनि कें बताओल जएतनि जे रैगिंग के मामिला में ओ कतए शिकायत क सकैत छथि आ इहो जे दोषी छात्र पर की कार्रवाई भ सकैत छैक।
ज्ञातव्य जे पुणे के डीईएस लॉ कॉलेज के छात्र प्रशांत चितलकर रविवार कए रैगिंग कें शिकार भैला पर आत्महत्या क लेलक। एकरे देखैत राज्य सरकार आब एक उच्चस्तरीय समिति गठित क रहल अछि। एही बरख ३ जनवरी कए परेल (मुंबई) के केईएम अस्पताल के जी.एस. मेडिकल कॉलेज के १८ छात्र कें भोईवाडा पुलिस रैगिंग के आरोप में गिरफ्तार कएने छल।

केंद्रीय विद्यालय में एहि बेर कम छात्रक एडमिशन

केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थी केर संख्या कमाओल जाएत। छात्र-शिक्षक अनुपात कें बेहतर बनएबाक प्रयोजन सं नबका सत्र सं केंद्रीय विद्यालय में सभ कक्षा में पांच सं बीस सीट तक के कमी कएल जा रहल छैक । केंद्रीय विद्यालय संगठन कें ई निर्णय देशभरिक 981 विद्यालय में सत्र 2010-11 सं लागू हएत । एहि देया तमाम स्कूल कें आवश्यक निर्देश द देल गेल छैक।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क कें सिफारिश केर अनुसार,देशभरिक केन्द्रीय विद्यालय में एहि बेर पहिल सं 12वीं कक्षा धरिक छात्रक संख्या में भारी कटौती हएत। आब पहिल सं 5वीं धरिक कक्षा में 40-45 छात्रक स्थान पर 35 छात्र रहत। छठम सं आठम में ई संख्या 50-55 नहिं भ कए 40 रहत। 9वीं सं 12वीं तक कें कक्षा में 55-60क स्थान पर 45 छात्रक एडमिशन हएत।
एहि संख्या सं बेसी दाखिला भेला पर स्कूल प्रबंधन कें अलग सं कक्षा केर इंतजाम करए पड़तनि। एहि लेल भवन निर्माण सं ल कए अतिरिक्त शिक्षकक नियुक्ति तक कें प्रक्रिया अपनाओल जाएत। केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षा केर बेहतर गुणवत्ता लेल एहि बेर प्रवेश परीक्षा पर सेहो खास ध्यान देल जा रहल छैक, ताकि नीक छात्र कें अवसर भेटए। प्रवेश प्रक्रिया आगामी 15 फरवरी सं शुरू हएत आ दू चरण में चलत।

केंद्रीय विद्यालय कें दाखिला कार्यक्रम नोट करूः-

पहिल चरण केर दाखिलाः-
दाखिला फॉर्म के वितरण आ जमा 15 फरवरी सं
फॉर्म जमा करएबाक अंतिम तिथि 20 मार्च
कक्षा-दू आ आन कक्षा सभहक लेल प्रवेश परीक्षा 7 सं 9 अप्रैल के बीच
पहिल कक्षा कें दाखिला आर दाखिला सूची 25 सं 31 मार्च के बीच
कक्षा-दू आर आन कक्षा सभहक सूची 16 अप्रैल कए
कक्षा-दू आ आन कक्षा में प्रवेश 21 सं 23 अप्रैल धरि
11वीं के दाखिला रिजल्ट अएलाक 20 दिन कें भीतर
नोट- पहिल कक्षा में दाखिला लेल प्रवेश परीक्षा नहिं होइत छैक।

दोसर चरण केर दाखिलाः-
दाखिला प्रक्रिया के बाद खाली बचल सीटक घोषणा- 30 जून कए
नव पंजीकरण 1 सं 7 जुलाई
प्रवेश परीक्षा 12-13 जुलाई
प्रवेश परीक्षा के नतीजा 16- 17 जुलाई
दाखिला 19, 20 जुलाई

(दैनिक भास्कर,30.1.10,दिल्ली संस्करण में प्रकाशित शैलेंद्र सिंह केर रिपोर्ट पर आधारित)

अगिला बरख सं शिक्षा अधिकार लागू करबा लेल नियम जारी





















(नई दुनिया,दिल्ली,30.1.10)

लाइब्रेरियन बनू,लेक्चरर कें बराबर तनख्वाह भेटत


(नई दुनिया,दिल्ली,31.1.10)

Friday 29 January, 2010

झारखंड में 2050 शिक्षक केर वैकेंसी निकलल






















(टाइम्स ऑफ इंडिया,दिल्ली,29.1.10)

केंद्रीय विश्वविद्यालय में वीसी केर दू बेरक कार्यकाल हएत

आजुक टाइम्स ऑफ इंडिया,दिल्ली संस्करण में प्रकाशित खबरि के मोताबिक,मानव संसाधन मंत्रालय केंद्रीय विश्वविद्यालय के वीसी सभहक कार्यकाल दू बेर निश्चित करबाक प्रयास में अछि। मंत्रालय एहि संबंध में सभ केंद्रीय विश्वविद्यालय कें वाइस-चांसलर के पत्र लिखिकए संबंधित कानून में संशोधन केर वास्ते फाइल चलाबए लेल कहलक अछि। देश में एखन जामिया मिल्लिया इस्लामिया,बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय आ पांडिचेरी विश्वविद्यालय समेत साते टा केंद्रीय विश्वविद्यालय छैक जनिकर वीसी के दू बेरक कार्यकाल भ सकैत अछि। शेष 33 केंद्रीय विश्वविद्यालय में एकहि बेर वीसी बनि सकैत छी। अनुमान अछि जे एहि प्रयासक बाद,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय आ दिल्ली विश्वविद्यालय केर वीसी दोसर कार्यकालक लेल प्रयास क सकैत छथि। वाईस चांसलर सभकें लिखल पत्र में मंत्रालय कहलक अछि जे केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षकक सेवानिवृत्ति उम्र 62 सं बढ़ि कए 65 साल आ वीसी केर 65 सं बढिकए 70 बरख भ गेल छैक आ कतेको विश्वविद्यालय में कानून एहन नहिं छैक जे सेवानिवृत्त भ रहल वीसी दोसर कार्यकालक मांग क सकथि। तें,आब एहन प्रावधान करब जरूरी भ गेल छैक। मंत्रालय के विचार छैक जे विश्वविद्यालय कें नेतृत्व प्रदान क सकनिहार सक्षमलोकनिक कमी छैक आ कार्यकाल कें विस्तार देला सं योग्य वीसी के आओर नीक करबाक प्रेरणा भेटतन्हि । ज्ञातव्य जे आईआईटी में सेहो निदेशक दोसर कार्यकालक लेल पात्र होइत छथि।

पीओ,क्लर्क आ चपरासी पद पर भर्ती

उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में पीओ के 88,क्लर्क के 399 आ मैसेंजर केर 141 पद पर भर्ती कें मंजूरी








(हिंदुस्तान,पटना,29.1.10)

नवम कक्षाक प्रश्न विद्यालय सं नहिं,सीबीएसई सं भेटत


(हिंदुस्तान,पटना,29.1.10)

शिक्षा विभाग झुकल। विश्वविद्यालय पर चलत राज्यपालक हुकूमत



(हिंदुस्तान,पटना,29.1.10)








(नई दुनिया,नई दिल्ली,29.1.10)

इंटर में सेहो ग्रेडिंग केर तैयारी

















(हिंदुस्तान,पटना,29.1.10)

राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद् केर नव पोर्टल

अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान कें मान्यता देबाक प्रक्रिया हएत पारदर्शी













(नई दुनिया,दिल्ली,29.1.10)

व्यावसायिक शिक्षाक लेल फराक बोर्ड बनत

आजुक दैनिक भास्कर, दिल्ली संस्करण में प्रकाशित पंकज कुमार पांडेय केर रिपोर्ट में कहल गेल अछि जे व्यावसायिक शिक्षा कें रोजगारमूलक बनएबाक प्रयोजन सं केंद्र आ राज्य में अलग बोर्ड बनएबाक प्रस्ताव छैक। योजनानुसार, इंटर स्तर पर पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा कें शामिल करबा लेल 5000 सरकारी स्कूल खोलल जाएत। निजी क्षेत्र में सेहो एतबे संस्था कें व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम शुरू करबाक अनुमति देल जाएत। योजना में उद्योग जगत के साथ मिलिकए पाठ्यक्रम तैयार कएल जाएत ताकि ओकर आवश्यकतानुसार छात्र सभ कें तैयार कएल जा सकए। निजी क्षेत्र के संस्थान में 50 प्रतिशत सीट सरकार द्वारा प्रायोजित भ सकैत अछि। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल शिक्षा सचिव लोकनिक संग जे बैठक कएलनि,ओहि में व्यावसायिक शिक्षा केर नव योजनाक खुलासा कएल गेल। एगारहम योजना में एहि योजना लेल कुल 2000 करोड़ रुपय्या देल गेल छैक। बैठक में जानकारी देल गेल जे केंद्रीय स्तर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ वोकेशनल एजुकेशन आर राज्य स्तर पर स्टेट बोर्ड ऑफ वोकेशनल एजुकेशन केर गठन हएत। बोर्ड केर गठन हएबा धरि, ओकर काज सीबीएसई आ संबंधित राज्यक एक प्रकोष्ठ देखतैक। एकर अतिरिक्त, राज्य सभ में एक अलग व्यावसायिक शिक्षा निदेशालय बनएबाक प्रस्ताव सेहो छैक, ताकि पूरा कार्यक्रम के प्रभावी तरीका सं कार्यान्वित कएल जा सकए।

Thursday 28 January, 2010

सीडीएस केर एडमिट कार्ड नहिं भेटल अछि तं बनबाउ






















(हिंदुस्तान,पटना,28.1.10)

शैक्षिक सुधार आ बेरोजगारी दूर करबा लेल सम्मेलन काल्हि सं













(हिंदुस्तान,पटना,28.1.10)

विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती केर प्रतिएं सरकार उदासीन













(हिंदुस्तान,पटना,28.1.10)

उच्च शिक्षा केर राई-छित्ती भेल कड़ी

कतेको अमेरिकी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहि चुकल श्री निरंजन कुमार केर संपादकीय आलेख आजुक दैनिक जागरण में यथाप्रकाशितः-
उच्च शिक्षा किसी देश की न केवल आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ होती है,बल्कि वह उसके सामाजिक चिंतन की बुनियाद,सांस्कृतिक बनावट की समझ और राजनीतिक प्रतिष्ठा का भी परिचायक होता है। इस पैमाने पर हम देखें तो विश्व स्तर पर पश्चिम के देशों ने बाजी मारी हुई है। यह अनायास नहीं है कि दुनिया के शैक्षणिक मानचित्र पर अमेरिका, इंग्लैंड या पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं का वर्चस्व है। एशियाई देश इस मामले में थोड़े पीछे चल रहे हैं, हालांकि सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान और अब जाकर चीन इस दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में हमारा भारत थोड़ा पीछे चल रहा है। हमारे यहां उच्च शिक्षा के स्तर पर आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर से लेकर पीएचडी स्तर तक प्रवेश,पाठ्यक्रम और प्रणाली में विभिन्न सुधारों की जरूरत है। नए मानव संसाधन मंत्री के नेतृत्व में अनेक सुधार हो रहे हैं, लेकिन अभी भी अनेक चीजें छूट रही हैं। स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा अर्थात एमए, एमएससी, एमकाम, एमटेक, एमडी, एमएस आदि उच्चतर शिक्षा का एक तरह से सबसे महत्वपूर्ण पायदान है,क्योंकि एक तरफ जहां इस स्तर पर आकर विद्यार्थी किसी एक विषय में मास्टर होता है और माना जाता है कि उस विषय में व्यक्ति सम्यक, संपूर्ण और श्रेष्ठ ज्ञान से संपन्न है। दूसरी तरफ यह रिसर्च एंड डेवलपमेंट की आरंभिक सीढ़ी भी है,क्योंकि किसी विषय में मास्टरी से या उसके बाद ही उस विषय के बारे में शोधपरक सवालों, विश्लेषण, चिंतन और अनुसंधान की शुरुआत होती है, लेकिन अ्रफसोस के साथ कहना पड़ता है कि प्रवेश, पाठ्यक्रम और अध्ययन प्रणाली में स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा को हमारे शिक्षाविदों ने पूरी गंभीरता से नहीं लिया है। एमटेक, एमडी, एमएस आदि में तो फिर भी एक बेहतर स्थिति है, लेकिन एमए, एमएससी, एमकाम आदि परंपरागत शिक्षा के कार्यक्रम अभी तक पुरानी लीक पर ही चल रहे हैं,जबकि मानविकी, सामाजिक विज्ञान आदि ही वे आधार हैं जो समाज और देश की दशा एवं दिशा निर्धारित करते हैं। उसी तरह प्राकृतिक विज्ञानों की नींव पर ही विभिन्न प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग अथवा मेडिकल का ज्ञान टिका हुआ है। एमटेक एमडी, एमएस आदि के कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आमतौर पर अखिल भारतीय परीक्षाओं को पास करना पड़ता है, जैसे ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) की परीक्षा के अंकों के आधार पर न केवल विभिन्न आईआईटी में एमटेक में दाखिला मिलता है,बल्कि विभिन्न एनआईटी और अन्य इंजीनियरिंग कालेजों में भी गेट स्कोर को प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना माना जाता है। इसी तरह आमतौर पर एमडी, एमएस में प्रवेश आल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस परीक्षा, जो कि अखिल भारतीय परीक्षा है या कम से कम राज्य स्तर पर होने वाली संयुक्त परीक्षा के द्वारा ही होता है। इस तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल आदि में स्नातकोत्तर स्तर पर प्रवेश लेने वाले छात्रों में वही छात्र आते हैं जिनकी शोध, विश्लेषण, विवेचन में रूचि हो या जो कम से कम इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हों और अंतत: जो नए शोधों तथा अनुसंधानों को जन्म दे सकते हैं, जबकि एमए, एमएससी, एमकाम आदि परंपरागत कोसरें में प्रवेश आमतौर पर उनके स्नातक के अंकों के आधार पर होता है। इससे यह कठिनाई होती है कि जिन संस्थाओं में स्नातक स्तर पर उदारता से अंक मिल जाते हैं वहां के छात्रों को विभिन्न जगहों में आसानी से दाखिला मिल जाता है,लेकिन अनेक संस्थाओं में बहुत कड़ाई होती है और मुश्किल से विद्यार्थी को प्रथम श्रेणी मिलता है,जिससे उन्हें आगे दाखिला मिलने में परेशानी होती है। फिर चंद विश्वविद्यालयों में अगर प्रवेश परीक्षा होती भी है तो वह उस यूनिवर्सिटी के विभाग के स्तर पर होती है और परीक्षा का केंद्र भी सामान्यतया उसी यूनिवर्सिटी या शहर में होता है। किसी उम्मीदवार के लिए हर यूनिवर्सिटी में जा-जाकर प्रवेश परीक्षा में बैठना असंभव ही है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली एक अपवाद ही है,जहां परीक्षा के केंद्र देश के लगभग हर राज्यों में होते हैं। अर्थात एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत है जिसकेतहत उम्मीदवारों को परीक्षा के केंद्र पास में ही मिल जाएं,इसके लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल आदि की तरह एक केंद्रीकृत माडल की आवश्यकता है यानी एमए, एमएससी, एमकाम आदि में भी केंद्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराई जाए और इसमें प्राप्त अंकों को भी दाखिला देने में आधार बनाया जाए। यहीं प्रवेश से जुड़ी एक दूसरी समस्या का उल्लेख करना जरूरी होगा कि ये सभी प्रवेश परीक्षाएं सिर्फ अपने विषय से संबंधित होती हैं। यह जगजाहिर है कि एमए, एमएससी, एमकाम का पठन-पाठन परिचयात्मक न होकर शोधपरक, विश्लेषणपरक और अनुसंधानपरक होता है अर्थात विद्यार्थियों में एक तर्क शक्ति, आलोचनात्मक चिंतन, विश्लेषण क्षमता और लेखन कौशल का होना भी आवश्यक है, लेकिन सिर्फअपने विषय से संबंधित परीक्षाओं से इन योग्यताओं का निर्धारण संभव नहीं अर्थात एक ऐसी व्यवस्था की भी जरूरत है जो उम्मीदवारों की इन योग्यताओं का परीक्षण कर सके। यहां हमारे लिए अमेरिका में आयोजित ग्रेजुएट रिकार्ड परीक्षा (जीआरई)एक मिसाल हो सकती है। जीआरई वह परीक्षा है जो अमेरिका,कनाडा और कई अन्य देशों में स्नातकोत्तर स्तर पर प्रवेश लेने के लिए आवश्यक है और जो अध्ययन के किसी विशेष क्षेत्र या विषय से संबंधित नहीं हैं। इसमें मौखिक तर्क परीक्षा,मात्रात्मक या संख्यात्मक तार्किकता, आलोचनात्मक और अमूर्त चिंतन, विश्लेषण क्षमता और लेखन कौशल का परीक्षण होता है। यह सिर्फ विदेशी छात्रों के लिए नहीं है, बल्कि उनके अपने विद्यार्थियों के लिए भी अनिवार्य है। हर साल लगभग 230 देशों के 600000 से अधिक संभावित स्नातक जीआरई जनरल टेस्ट में बैठते हैं। वैसे यह कंप्यूटर आधारित परीक्षण है,जहां कंप्यूटर उपलब्ध नहीं है उन परीक्षण केंद्रों पर यह कागज-कलम के आधार पर होता है। इसी तरह अमेरिका में विभिन्न विषयों से संबंधित जीआरई टेस्ट भी होता है। हालांकि कुछ कारणों से कुछ विषयों में यह टेस्ट अभी नहीं हो रहा है। इन विकसित देशों ने उच्चतर शिक्षा कार्यक्रमों को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए वर्र्षो के शोध के बाद दाखिले में ऐसे कड़े मानक तय किए हैं। आज हमारे यहां भी समय आ गया है कि हम अपने उच्चतर शिक्षा कार्यक्रमों में ऐसे सुधारों को शामिल करें अर्थात एमए, एमएससी, एमकाम आदि के दाखिले के लिए एक केंद्रीकृत परीक्षा आयोजित किया जाए, जो साल में दो बार आयोजित हो। यह परीक्षा सामान्य टेस्ट और विषय से संबंधित,दोनों ही तरह की हों। समाज के कमजोर वगरें के छात्रों के लिए यह नि:शुल्क होनी चाहिए। साथ ही यह नियम भी कि कोई विद्यार्थी इसमें अधिकतम तीन बार बैठ सकता है। नई सदी में बढ़ते हुए भारत के लिए इन उपायों को अपनाने से निश्चित रूप से लाभ होगा और ज्ञान आधारित भू-आर्थिक दुनिया में हम अपना झंडा बुलंद कर सकेंगे।

इंटर बाद राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा लेबाक तैयारी















(नई दिल्ली,दिल्ली,28.1.10)

Wednesday 27 January, 2010

किदन कहै छै(3) केर परिणाम

नव वर्ष में प्रारम्भ कएल गेल स्तंभ "किदन कहै छै" श्रृंखला केर भाग-3 में पूछल गेल छलः-
" घोघो तनने छी आ हुलकीओ दैत छी" केर माने की?
विकल्प छलः-
1.बनावटी व्यवहार कएनिहार पर व्यंग्य
2.घोघक मर्यादा केर उल्लंघन
3.अनिर्णय में पड़ल व्यक्तिक व्यवहार
4.हुलकी देबाक हुअए,तं घोघ हटा लेबाक चाही
पचास प्रतिशत वोट कएनिहार सही उत्तर देलनि अर्थात्-बनावटी व्यवहार कएनिहार पर व्यंग्य। शेष 50 प्रतिशत वोट कएनिहार तेसर विकल्प-अनिर्णय में पड़ल व्यक्तिक व्यवहार चुनलनि जे गलत छल।
पाठक सभहक लेल नव कहबी सेहो प्रस्तुत अछि। जं अहां एहि कहबी केर लेल कोनो नीक वाक्य सुझा सकैत छी,तं sujhavpeti@gmail.com पर अपनेक स्वागत अछि।

जानकी वल्लभ शास्त्री पर जनसत्ता


(जनसत्ता,दिल्ली,27.1.10)

जानकी वल्लभ शास्त्रीःपद्म विमर्श



(जनसत्ता,दिल्ली,27.1.10)

Tuesday 26 January, 2010

स्कूल शिक्षक बनबाक लेल नेट सन परीक्षा पर विचार




(हिंदुस्तान,पटना,गणतंत्र दिवस,2010)

अधिसूचना केर बादे विश्वविद्यालय में 65 में हएब रिटायर


(हिंदुस्तान,पटना,गणतंत्र दिवस,2010)

2010 कें पद्म पुरस्कार


(नई दुनिया,दिल्ली,26.1.10)

भाषा आ हस्तलिपि बचएबा पर भेटत ईनाम


(नई दुनिया,दिल्ली,26.1.10)

समविश्वविद्यालय पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 8 मार्च कए




























(नई दुनिया,दिल्ली,26.1.10)

Monday 25 January, 2010

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट आई सं शुरू

चारि दिन धरि चलत प्लेसमेंट
600 गोटे कें नौकरी भेटबाक संभावना
मारिते कंपनी क रहल अछि चयन


(नई दुनिया,दिल्ली,22.1.10)

गाम-घर मे डाक्टरी करबा लेल केओ तैयार नहिं






















(नई दुनिया,दिल्ली,23.1.10)

बिहार में प्रति अठारहम स्कूल एकहि गुरूजी केर भरोसे












(नई दुनिया,दिल्ली,23.1.10)

दिल्ली केर स्कूल में प्रधानाचार्य आ उप-प्रधानाचार्य के 200 सं बेसी पद खाली






















(नई दुनिया,दिल्ली,23.1.10)

स्कूल में एडमिशन विषयक छह आलेख



(नई दुनिया,दिल्ली,24.1.10)

आईटी में रोजगार बेसी रहतःनौकरी डॉट कॉम


(हिंदुस्तान,पटना,25.1.10)

मगध विश्वविद्यालय में आइएएस-आइपीएस कोचिंग फ्री


(हिंदुस्तान,पटना,25.1.10)

रेडियो जॉकी बनए लेल दानापुर में स्टूडियो


(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

Sunday 24 January, 2010

नवसाक्षर लोकनिक ब्लॉकवार सूचना अगिला महीना सं ऑनलाइन


(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

औरंगाबाद में सेना भर्ती रैली 5 सं 8 फरवरी धरि





(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

मगध विश्वविद्यालय में रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम पर जोर। प्लेसमेंट सेल बनएबाक प्रयास



(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

साढे 34 हजार सहायक शिक्षकक लेल नियमावली निर्माण शुरू





(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

विज्ञानप्रिय छात्र लेल पुरस्कार योजना




(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

पटना में रहि ब्रिलिएंट ट्यूटोरियल सं क्लास करब संभव भेल





(हिंदुस्तान,पटना,21.1.10)

सिपाही भर्ती परीक्षा दू मास बाद





(हिंदुस्तान,पटना,21.1.10)

देखू कोन-कोन ठाम खुजत आदर्श डिग्री कॉलेज





(हिंदुस्तान,पटना,23.1.10)

नव नालंदा महाविहार कें डीम्ड दर्जा बनल रहएःनीतीश




(हिंदुस्तान,पटना,23.1.10)

(हिंदुस्तान,पटना,20.1.10)

पायस-50 योजना में गरीब इंजीनियरिंग-मेडिकल छात्र कें सभ किछु मुफ्त





(हिंदुस्तान,पटना,23.1.10)

नेट परीक्षा पैटर्न में भारी फेर-बदल


(हिंदुस्तान,पटना,5.2.10)




















(हिंदुस्तान,पटना,24.1.10)

विस्तृत जानकारी लेल एतय क्लिक करू

महादलित केर लेल तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम





(हिंदुस्तान,पटना,24.1.10)

खादी में स्वरोजगार




(हिंदुस्तान,पटना,24.1.10)

सिमुलतला में एडमिशन लेल विज्ञापन जारी


(हिंदुस्तान,पटना,23.1.10)




(हिंदुस्तान,पटना,24.1.10)