* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Sunday 28 February, 2010

कैट परिणाम घोषित

आठ भारतीय प्रबंधन संस्थान-आईआईएम केर संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कैट-२००९) कें परिणाम आई घोषित भ गेल।
प्रत्येक आईआईएम द्वारा साक्षात्कार लेल चुनल गेल उम्मीदवार सभहक नामक घोषणा सेहो कैट केर वेबसाइट पर कएल जाएत। एहि बेर प्रवेश परीक्षा पहिल बेर कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए भेल छल आर छात्रलोकनि कें पहिल चरण में तकनीकी त्रुटि केर सामना करए पड़ल छलनि। जाहि उम्मीदवार कें तकनीकी खराबी के कारणे परीक्षा देबा मे मोसकिल भेलनि,तनिका दोबारा परीक्षा देमए लेल कहल गेल छलन्हि। आठ आईआईएम कें अतिरिक्त १२० सं बेसी गैर-सदस्य आईआईएम प्रबंधन स्कूल छैक जे कैट के साथ पंजीकृत छैक आर अपन संस्थान में छात्र कें प्रवेश देबा लेल कैट कें इस्तेमाल करैत छथि।
जं अहूं एहि परीक्षा मे शामिल भेल रही,तं रिजल्ट रिजल्ट देखबा लेल क्लिक करू।

बजट आर शिक्षा










(नई दुनिया,27.2.10)

Saturday 27 February, 2010

बीपीएससी मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित


बीपीएससी केर साइट सं परिणाम देखए लेल क्लिक करू।

बिहार में चारि आवेदक पर एक बीडीओ केर चयन 15 मार्च तक




















(हिंदुस्तान,पटना,27.2.10)

Friday 26 February, 2010

आम बजटः2010-11


  • 1.60 हजार लाख धरिक आय पर कोनो कर नहि। 1 लाख 60 हजार सं 5 लाख तक केर आय पर 10 फीसदी आयकर । 5 से 8 लाख तक 20 फीसदी टैक्स । 8 लाख सं ऊपर 30 फीसदी टैक्स । 80- सी में 20 हजार केर बढत कएल गेल।
  • पेट्रोल के दाम आइ राति सं दिल्ली में 2.67 पैसा प्रति लीटर आर डीजल के दाम में 2.58 पैसा प्रति लीटर केर बढोतरी
  • सिगरेट, बीडी, सोना, कार महग भेल
  • राजीव आवास योजना निधि मे 700% वृद्धि
  • नरेगा लेल 41 हजार करोड़ आर भारत निर्माण योजना लेल 48 हजार करोड़
  • प्रोत्साहन पैकेज धीरे-धीरे वापस हएत
  • 10 लाख रु तक कें आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी एक आओर साल लेल बढ़एबाक प्रस्ताव
  • गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण केर खर्च 500 करोड़ रुपया भेल
  • स्कूली शिक्षा लेल 31,036 करोड़ रुपया
  • स्वास्थ्य आर परिवार कल्याण क्षेत्र पर आवंटन 22,300 करोड़ रुपया
  • सस्ता मकानक कर्ज पर छूट मियाद 2011 तक बढल। होम लोन पर सब्सिडी जारी रहेत। 20 लाख तक के मकानक लेल कर्ज पर 2011 तक रियायत जारी।
  • शहरी विकास लेल आवंटन 5,400 करोड़ रुपया
  • एसएमई के लिये व्यय बढ़िकए 2,400 करोड़ रुपया भेल
  • राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा लेल 1,000 करोड़ रुपये
  • विशेष पहचान प्राधिकण लेल1,900 करोड़ रुपयाक प्रावधान
  • शिक्षा अनुदान में 2000 करोड कें बढोतरी । कौशल शिक्षा लेल 31 लाख 36 हजार करोड़ ।
  • GST अप्रैल 2011 से लागू करबाक प्रयास
  • रक्षा बजट बढिकए एक लाख 47 हजार 344 करोड रूपया भेल
  • सरकार सार्वजनिक क्षेत्रक कंपनी में विनिवेश सं 25,000 करोड़ रुपया जुटाओत
  • अक्तूबर के बाद सं सार्वजनिक कंपनी केर बाजार कैपिटलाइजेशन 3.5 परसेंट बढ़ल
  • ईंधन केर कीमत कें नियंत्रण मुक्त करबाक प्रस्ताव विचाराधीन
  • वित्तीय स्थिरता आर विकास परिषद कें गठन हएत
  • एक अप्रैल 2010 सं पोषण आधारित उर्वरक सब्सिडी
  • रिजर्व बैंक निजी क्षेत्र में आर बैकिंग लाइसेंस देबा पर विचार करत
  • हस्तशिल्प निर्यात पर एक आओर वर्ष के लेल 2 परसेंट निर्यात सब्सिडी
  • जलवायु चुनौती संबंधी कृषि पहल लेल 200 करोड़ रुपया
  • समय पर भुगतान के मामिला में फसल ब्याज सब्सिडी बढ़िकए 2 प्रतिशत भेल
  • गंगा सफाई लेल 500 करोड
  • ग्रामीण, शहरी बुनियादी ढांचा कें बेहतर बनएबा पर जोर
  • इंफ्रास्ट्रक्चर विकास लेल 1,73,552 करोड़ रुपयाका प्रावधान
  • रेलवे लेल आवंटन 16,752 करोड़ रुपया
  • कोयला विकास विनियामक प्राधिकरण कें गठन केर प्रस्ताव
  • डॉलर, पाउंड जकां रूपया केर सेहो सिंबल हएत।
  • बिजली क्षेत्रक लेल आवंटन 5,130 करोड़ रुपया
  • आर्थिक वृद्धि दर कें 9 प्रतिशत स्तर पर अनबाक चुनौती
  • लद्दाख क्षेत्र में सौर आर पनबिजली परियोजना लेल 500 करोड़ रुपया
  • दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 18.5 प्रतिशत रहल जे दू दशक में सर्वाधिक
  • नया डायरेक्ट टैक्स कोड अप्रैल 2011 सं लागू हेबाक उम्मीद
  • कृषि ऋण वापिस करबाक मियाद 6 महीना बढ़ाएल गेल। किसान 30 जून 2011 तक चुका सकताह कर्ज। समय पर फसल ऋण चुकओनिहार किसान कें पूर्व में भेटल आर्थिक सहायता (सब्सिडी) 1 प्रतिशत सं बढाकए 2 प्रतिशत कएल गेल। उर्वरक सेक्टर लेल एक पोषण आधारित सब्सिडी नीति मंजूर । ई नीति एक अप्रेल सं लागू हएत।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर लेल 1.73 लाख करोड़ रुपया
  • रोज़ 20 किलोमीटर नैशनल हाईवे बनएबाक लक्ष्य
  • कृषि क्षेत्र में लोन लेल 3 लाख 75 हजार रुपया
  • किरीट पारिख कमिटी केर रिपोर्ट पर फैसला उचित समय पर
  • सोशल सेक्टर में सुधार कें प्राथमिकता
  • खाद्य सुरक्षा बढ़एबा पर ज़ोर

डीम्ड यूनिवर्सिटी कें पक्ष रखबाक अवसर भेटत

औषधि विज्ञान में एम.एस.,एम.फर्मा,एम.टेक. आओर एमबीए कोर्स











(हिंदुस्तान,पटना,26.2.2010)

विकास मित्रक चयन 16 अप्रैल सं पहिने पूरा हेबाक संभावना नहि

पटना यूनिवर्सिटी मे बीडीएस परीक्षा 8 मार्च सं

निम्स विश्वविद्यालय,जयपुर कें पटना शाखा मे पैरामेडिकल पीजी पढाई शुरू

Thursday 25 February, 2010

रेडियो मे समाचारवाचक बनू

आकाशवाणी दिल्ली मे कैजु्अल समाचारवाचक-सह-अनुवादक केर रूप मे कार्य करबाक मोन हुअए,तं 1 मार्च तक आवेदन करू। रिक्ति हिंदी,संस्कृत,उर्दू समेत कतेको भाषा मे छैक। आकाशवाणी सं एहि रूप मे जुड़ब फायदेमंद एहि मायने मे छैक जे अन्यत्र फुलटाइम काज करितो एहि ठाम काज कए ठीक-ठाक पाइ कमा सकैत छी। प्रतिष्ठा आ अनुभव हासिल हएत से अलग। परीक्षा तीन चरण मे होइत छैकःलिखित,स्वर-परीक्षण आ साक्षात्कार। लिखित परीक्षा पूर्णतः करेंट अफेयर्स आधारित होइत छैक। लिखित परीक्षा मे अंग्रेजी सं हिंदी अनुवाद अंश महत्वपूर्ण होइत छैक। ध्यान रहए जे ई विज्ञापन एफएम रेडियो के लेल नहि छैक।

विज्ञापन आ फार्म प्रारूप देखबा लेल क्लिक करू।

मैट्रिक एडमिट कार्ड संबंधी बिहार बोर्ड विज्ञापन

आरआरबी,मुजफ्फरपुर मे एएसएम कें वैकेंसी

मैट्रिक परीक्षार्थी हेल्पलाइन नं.

फोन नं.-(0612)-2221320
फैक्स नं.-(0612)-2222575




















(हिंदुस्तान,पटना,25.2.10)

इग्नू छात्र कें रियायती पास

इग्नू के छात्रक लेल खुशखबरी। इग्नू के फेस-टू-फेस अर्थात् फुलटाइम कार्यक्रम कें छात्र आब रियायती रेल पास के पात्र हएता। एहि तरहें,इग्नू दूरस्थ शिक्षा प्रदान करएवला देशक पहिल संस्थान बनि गेल अछि जकर छात्रक लेल रियायती पास जारी करबाक प्रावधान कएल गेल छैक। मुदा ई सुविधा मात्र फेस-टू-फेस कार्यक्रम केर एक्कीस पाठ्यक्रमक छात्र कें भेटतनि। इग्नू कें वीसी वी.एन. राजशेखरन पिल्लै ई घोषणा करैत कहलनि जे फेस-टू-फेस कार्यक्रमक छात्रक लेल ई सुविधा तत्काल प्रभाव सं लागू भ गेल अछि। श्री पिल्लै आशा व्यक्त कएलनि जे आस्ते-आस्ते ई सुविधा इग्नू केर सभ पाठ्यक्रमक छात्र कें देल जएतैक।
योजनांतर्गत,छात्रलोकनिकें पास मे 50 प्रतिशत केर छूट भेटतनि। विश्वविद्यालय दिल्ली परिवहन निगम केर संग सेहो गप क रहल अछि ताकि इग्नू छात्र कें बसो मे रियायती पास भेट सकए।

Wednesday 24 February, 2010

Tuesday 23 February, 2010

बिहार मे प्रैक्टिकल परीक्षा तारीख मे परिवर्तन

23 फरवरी सं निर्धारित इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा केर तिथि बढ़ा देल गेल अछि। प्रायोगिक परीक्षा आब होली के बाद 3 मार्च सं हएत आ 14 मार्च धरि चलत। व्यावसायिक पाठ्यक्रमक प्रायोगिक परीक्षा सेहो एकर संगहि लेल जाएत। छात्रलोकनि कें इंटर केर प्रायोगिक परीक्षाक प्रवेश-पत्र मंगल सं ब्रैस्पति तक भेटतनि। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो. एकेपी यादव काल्हि इहो कहलनि जे इंटरमीडिएट केर प्रायोगिक परीक्षाक एहन केंद्र सभ जतए मैट्रिक करे परीक्षा सेहो निर्धारित छैक,ओहि ठाम मैट्रिक परीक्षा समाप्त भेलाक एक घंटा बाद यानी एक बजे सं इंटर केर प्रायोगिक परीक्षा लेल जाएत। मंगलवार कए मगध, सारण, कोसी आर पूर्णिया प्रमंडल कें स्कूल-कालेज मे प्रवेश-पत्र बांटल जाएत। बुधकए तिरहुत, दरभंगा आर भागलपुर प्रमंडल मे। पटना आर मुंगेर प्रमंडल कें स्कूल-कालेज में वितरण ब्रैस्पति कए हएत। मैट्रिक परीक्षा केर एडमिट कार्ड छात्रलोकनि कें 2 मार्च सं भेटतनि।

आरआरबी,रांची मे एएसएम के 88 पद

रोजगार वृद्धि सिर्फ महानगर मे

शोधार्थी आ मैत्रायन

पटना विश्र्व विद्यालय के बी.एन. कालेज सभागार मे, काल्हि मैत्रायन रिसर्च रिव्यू के तत्वावधान मे, शोधरत छात्र सम्मेलन आयोजित भेल। उद्घाटन कएलनि बिहार विधान परिषद के उप-सभापति वीरेन्द्र कुमार चौधरी। एहि अवसर पर मैत्रायन रिसर्च रिव्यू पत्रिका केर लोकार्पण कएल गेल। प्रधान संपादक रंजन कुमार घोषणा कएलनि जे ओ प्रतिवर्ष तीन शोधार्थी कें दस-दस हजार रुपय्याक छात्रवृत्ति देताह।

यूपी मे अढाई हजार डाक्टरक बहाली जल्दीए

नई दुनिया,दिल्ली संस्करण मे आज प्रकाशित खबरि केर अनुसार,उत्तरप्रदेश में डाक्टर सभहक कमी देखैत,राज्य सरकार अढाई हजार डाक्टर केर नियुक्ति करबाक निश्चय कएलक अछि। इहो निर्णय लेल गेल जे विशेषज्ञ डाक्टर सभ कें आब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पोस्टिंग नहि कएल जएतनि । प्रदेश कें स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्रा प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) के ६७म वार्षिक अधिवेशन में ई घोषणा कएलनि । ओ स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनिहार डाक्टरलोकनि सं अपील कएलनि जे सेवा संबंधी कोनहु समस्याक लेल सीधे हुनके सं अथवा प्रमुख स्वास्थ्यसचिवसं भेंट कए समस्याक समाधान निकालि सकैत छथि।

Monday 22 February, 2010

पटना मे पुस्तकालयाध्यक्ष पद केर काउंसिलिंग 8 मार्च सं

आजुक दैनिक जागरण,पटना संस्करण मे प्रकाशित खबरि केर अनुसार,पटना जिला में पुस्तकालयाध्यक्ष के करीब 150 पदक लेल 3753 अभ्यर्थी आवेदन कएलनि अछि जनिकर काउंसिलिंग 8 मार्च सं शुरू हएत। सभसं पहिने जिला परिषदक अभ्यर्थी लेल काउंसिलिंग हएत। ज्ञातव्य जे एहि पद पर बहाली अढाई साल सं रुकल छैक। जिला शिक्षा अधिकारी किरण कुमारी कें मोताबिक, काउंसिलिंग कें बाद रोस्टर बाधित कएने बिना, चयनित अभ्यर्थी केर नियोजन कएल जाएत। जनिकर प्रमाण-पत्रक सत्यापन भ गेल छन्हि, सएह सभ विद्यालय में योगदान क सकताह आर ओही तिथि सं वेतन भुगतान कएल जएतन्हि। अन्य अभ्यर्थी लोकनि सं शपथ-पत्र लेल जाएत जे हुनकर प्रमाण-पत्र सही छन्हि। प्रमाण-पत्र फर्जी प्रमाणित भेला पर कानूनी कार्रवाई कएल जाएत।

रैशनलाइजेशन कें विरोध करबाक तैयारी

कतेको महीना सं विश्वविद्यालय मे शिक्षक बहाली मुद्दा पर जारी गतिरोधक बाद पछिला हफ्ता खबरि आयल जे राज्यपाल के कहब छनि जे न्यूनतम 30 विद्यार्थी पर एक शिक्षक राखल जाएत। एहि नीति कें विरोध करबाक पहल भ रहल अछिः-



















(हिंदुस्तान,पटना,21.2.10)

स्वामी विवेकानंद पैरामेडिकल कॉलेज कें 50 सीटक नर्सिंग मान्यता



















(हिंदुस्तान,पटना,21.2.10)

बिहार मे सवा हजार फार्मासिस्ट कें बहाली शीघ्र

केंद्रीय विश्वविद्यालय,बिहार मे बाल संरक्षण पाठ्यक्रम शुरू




















(हिंदुस्तान,पटना,21 फरवरी,2010)

गरीब बच्चा कें प्राइवेट स्कूल मे 25 प्रतिशत फीस सरकार देत

झारखंड मे मैट्रिक-इंटर परीक्षा शुरू

इग्नू द्वारा कुशलता विकास पहल शुरू

पटना आ मगध यूनिवर्सिटी मे सेमेस्टर प्रणाली केर तैयारी

दिल्ली विश्वविद्यालय मे पेशेवर पाठ्यक्रम -प्रोस्पेक्टस बिक्री प्रारंभ

Sunday 21 February, 2010

शिक्षा मे सुधारक रस्ता

अमरीकी विश्वविद्यालय केर विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. निरंजन कुमार अमरीकी व्यवस्था सं तुलना करैत बता रहल छथि जे केना भारत मे शिक्षा-व्यवस्था कें पटरी पर आनल जा सकैछः
आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स ने सफलता की जैसी धूम मचाई,वह अभूतपूर्व है। इस फिल्म ने एक बार फिर साबित कर दिया कि एक अच्छी थीम पर अच्छे ढंग से बनाई गई फिल्म निश्चित रूप से कामयाब होती है। और यही इस फिल्म का संदेश भी है कि सफलता के पीछे मत भागो,उत्कृष्टता के लिए मेहनत करो, कामयाबी खुद तुम्हारे पीछे दौड़ी चली आएगी। तुम वही करो, वही पढ़ो जो तुम करना चाहते हो या पढ़ना चाहते हो,जिसमें तुम्हारा दिल लगता हो। साथ ही यह भी कि रट्टूतोता बनने की जगह विषय को समझने की कोशिश करो। एक मनोरंजक अंदाज में पूरी फिल्म न सिर्फ हमारी शिक्षा प्रणाली को आईना दिखाती है,बल्कि एक तरह से उस पर टिप्पणी करती है। बहुत ही कलात्मक और मार्मिक तरीके से फिल्म बताती है कि थ्री (तीन) इडियट्स फिल्म के तीन मुख्य किरदार नहीं, बल्कि तीन सबसे बड़े इडियट हैं-हमारी शिक्षा व्यवस्था,इसके कर्ता-धर्ता और हमारा समाज। इन्होंने हमारे बच्चों पर इतना दबाव बना दिया है,जिसका दुष्परिणाम कभी खराब रिजल्ट होता है तो कभी डिप्रेशन और कभी तो आत्महत्या तक भी। मनोवैज्ञानिक अध्ययनों ने दिखाया भी है कि हम दुनिया के उन देशों में हैं,जहां विद्यार्थियों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं की दर अधिकतम है। फिल्म का मुख्य पात्र रैंचो बार-बार कहता है, तुम वही बनने की कोशिश करो, जिसमे तुम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हो। इससे तुम अपना और समाज दोनों का भला कर सकोगे। ठीक बात है। हो सकता है कि कोई व्यक्ति बहुत प्रतिभाशाली हो, बहुत बुद्धिमान हो, फिर भी वह हर जगह अच्छा नहीं कर सकता। यह जरूर है कि वह किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा ही करेगा, लेकिन उसका सर्वश्रेष्ठ उसी क्षेत्र में अभिव्यक्त होगा, जिसमें उसका मन लगता हो। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर संगीतकार रहमान नहीं बन सकते हैं और रहमान मिसाइल वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम नहीं हो सकते। मनोवैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि प्रतिभा या बुद्धि के अनेक आयाम होते हैं। जरूरत है कि इस बात की पहचान हो कि कौन किस क्षेत्र में अच्छा करेगा और फिर इसी हिसाब से आगे बढ़ने के लिए मेहनत करनी चाहिए। इससे न केवल उस व्यक्ति, समाज और देश की तरक्की होगी, बल्कि वह इंसान खुश भी रहेगा। यह अनायास नहीं है कि विकसित देशों जैसे कि अमेरिका,यूरोप या जापान आदि में स्कूली जीवन से ही विद्यार्थियों की सहज प्रतिभा को पहचान कर उसे उभारने की कोशिश की जाती है। मैंने इन देशों के लोगों को देखा कि वे अपने बच्चों पर अपनी इच्छाएं ज्यादा नहीं थोपते। फिर उनके स्कूलों में भी बच्चों को इतने विविध तरह के अवसर मिलते हैं कि बच्चे को भी धीरे-धीरे अपनी रुचि का क्षेत्र समझ में आने लगता है और उसी में उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह के अवसर और संभावनाएं कमोबेश लगभग सभी बच्चों को उपलब्ध कराने की कोशिश की जाती है। अमेरिका का ही उदाहरण देखें। वैसे तो वहां पर तीन तरह के स्कूल होते हैं। एक तो पब्लिक (सरकारी या सार्वजनिक) स्कूल, दूसरे प्राइवेट स्कूल और तीसरे चार्टर (एक तरह से सार्वजनिक) स्कूल। पब्लिक स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिलती है। चार्टर स्कूल भी कमोबेश इसी तरह के होते हैं। हां प्राइवेट स्कूल में जरूर महंगी फीस चुकानी पड़ती है। यहां यह बताना जरूरी है कि इन पब्लिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक और पाठ्यक्रम से इतर कार्यक्रमों और प्रशिक्षणों के अवसर प्राइवेट स्कूलों से कम नहीं होते हैं। अपने देश के संदर्भ में बात करें तो हमारी स्थिति दयनीय नजर आती है। थ्री इडियट्स की कहानी हमारे अधिकांश बच्चों के लिए एक ऐसी कहानी या कल्पना है,जो सिर्फ सपनों में सच हो पाती है। तीन दोस्तों में से एक देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज की पढ़ाई छोड़कर फोटोग्राफर बनने चला जाता है। यह हमारे समाज में एक अनोखी बात ही कही जाएगी। दरअसल, हमारे यहां कई तरह की समस्याएं हैं। हर बच्चे को वैसी सुविधाएं और अवसर नहीं प्राप्त हैं कि उसकी प्रतिभा को पनपने का अवसर मिल सके। उनके यहां स्कूलों के स्तरों में बहुत बड़ा अंतर नहीं है, जबकि अपने यहां सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में जमीन-आसमान का फर्क है। एक तरफ तो दून स्कूल, वेलहम, सिंधिया स्कूल और मेयो कॉलेज जैसे बहुत उच्चकोटि के स्कूल हैं, जिनमें हर तरह का विश्वस्तरीय ज्ञान और कौशल प्राप्त किया जा सकता है, पठन-पाठन में कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल होता है। दूसरी तरफ हमारे अनेक सरकारी विद्यालयों में बैठने तक की जगह नहीं होती है। अनेक गांवों और छोटे कस्बों में तो पेड़ के नीचे भी स्कूल चलते हैं। फिर काफी बड़ी संख्या ऐसे बच्चों की भी है,जो एक तरह से बाल श्रमिक हैं और स्कूल का मुंह भी नहीं देख पाते हैं। तब इन बच्चों को कैसे समझ आएगा कि उन्हें क्या बनना चाहिए या किस क्षेत्र में उनकी प्रतिभा है। भारत सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार 14-18 आयु के बच्चों में से दो तिहाई के करीब उच्च माध्यमिक स्कूल की देहरी तक नहीं पहुंच पाते हैं। 14की उम्र तक या आठवीं क्लास तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 पारित किया गया है और सर्वशिक्षा अभियान चलाया जा रहा है,लेकिन इसकी गुणवत्ता का स्तर क्या है?फिर किस तरह ये बच्चे थ्री इडियट्स के संदेश को साकार कर सकेंगे। तब क्या यह समझा जाए कि थ्री इडियट्स हमारे देश के सिर्फ उच्च और उच्च-मध्य वर्ग या अधिक से अधिक मध्य-मध्य वर्ग के बच्चों के लिए ही एक सार्थक फिल्म है? क्या हमारे नेता,अधिकारी और नीति निर्धारक समाज कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए थ्री इडियट्स फिल्म को अर्थपूर्ण बनाने के लिए कभी कोई ईमानदार प्रयास करेंगे?
(दैनिक जागरण,21.2.1010)

संकटग्रस्त भाषा कें संरक्षण हुअए

आइ अंरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस छैक। एहि अवसर पर अल्पसंख्य मामिला कें मंत्री सलमान खुर्शीद भाषाई अल्पसंख्यकलोकनि सं संबद्ध भाषा सभहक संरक्षण आ संवर्द्धन केर अपील कएलनि अछि। ज्ञातव्य जे यूनेस्को केर ताजा रिपोर्ट मे,भारतक 126 भाषा कें विलुप्त हएबाक कगार पर बताओल गेल छैक। आइ दिल्ली मे,अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित सम्मेलन मे खुर्शीद जी कहलनि कि डेंजर जोन केर भाषा सभकें संरक्षण केर उपाय ई छैक जे देश मे प्राथमिके स्कूल स्तर सं मातृभाषा मे शिक्षा देल जाए। हुनकर कहब रहनि जे देश मे 234टा एहन भाषा अछि जकर बजनिहारक संख्या लगभग 10हजार छैक। ओ आश्वासन देलनि जे देश कें 23 करोड़ भाषाई अल्पसंख्यक कें संवैधानिक संरक्षण प्रदान करबा लेल सरकार हरसंभव प्रयास करत।
आइ एहि अवसर पर पश्चिम बंगाल मे कतेको कार्यक्रम भेल। कोलकाता मे,भाषा शहीद स्मारक समिति बंगाली भाषाक प्रचार लेल विशेष कार्यक्रम आयोजित कएलक। बांगलादेश मे सेहो भाषाई आंदोलन मे शहीद भेल लोकनिकें श्रद्धांजलि देल गेल। बांगलादेशक प्रधानमंत्री शेख हसीना कहलनि जे बंगला भाषाक आंदोलन अपन धरोहरकें संरक्षित करबाक लेल दुनिया भरि मे संघर्षरत लोक सभक लेल प्रेरणा-स्त्रोत रहल छैक।

मानव संसाधन पाठ्यक्रम दिल्ली सं


शेफ बतौर करियर


गणित सं इंटर बनि सकैत छथि सेरामिक इंजीनियर


बिहार-झारखंड मे एनसीसी,सी सर्टिफिकेट आ रोजगार




Saturday 20 February, 2010

आरआरबी,पटना मे गुड्स गार्ड के वैकेंसी खत्म


बिहार मे रैशनलाइजेशन माने 40 छात्र पर एक शिक्षक




तुलु भाषा विशेषज्ञ राघवन नहि रहलाह

तुलु भाषा के संबंध में पहिल प्रामाणिक किताब प्रकाशित कएनिहार प्रख्यात साहित्यकार सी राघवन कें आइ केरल केर कासरगोड मे एक निजी अस्पताल में स्वर्गवास भ गेलनि। ओ 79 बरखक छलाह। 1998 में ओ चंदुमेनन की इंदुलेखा के कन्नड अनुवाद लेल हुनका साहित्य अकादमी पुरस्कार भेटल छनन्हि। श्री राघवन दैनिक मलयालम समाचारपत्र ‘उतरादेशम’ कें संपादक सेहो छलाह।
हुनकर परिवार में पत्नी गिरिजा, एक बेटा आर तीन बेटी छन्हि। श्री राघवन पेशा सं शिक्षक छलाह कतेको साहित्यिक कृति कें मलयालम आर कन्नड में अनुवाद कएने छलथि।

ग्लोबल विलेज मे दम तोड़ैत भाषा

हालहि मे,खोरा आ बो भाषा केर समाप्ति संबंधी सूचना एहि ब्लॉग पर देल गेल छल। आइ पढ़ू संक्रमण कें दौर सं गुजरि रहल आन भाषा सभ देया एक आओर संक्षिप्त आलेखः

भारतीय वन सेवा परीक्षा,2010


किदन कहै छै(6) केर परिणाम

एहि ब्लॉग पर पछिला मास सं प्रारंभ कएल गेल कहबी-आधारित स्तंभ "किदन कहै छै" श्रृंखला केर छठम प्रश्न छलः-
"अंगा ने टोपी सिपाही नाम" केर माने की
विकल्प छलः-
1. ओकाद सं बेसी बड़प्पन झाड़निहार पर व्यंग्य
2. सिपाही ओकरे कहल जा सकैछ जे अंगा आ टोपी दुनू पहिरने हुअए
3. अंगा आ टोपी सं लोक स्वयं सिपाही कें चिन्हि लैत छैक। एहन आदमी कें नाम सिपाही राखब ज़रूरी नहि होइछ।
4. जे वास्तविक सिपाही हुअए,तकरे बड़प्पन झाड़ब उचित।

प्राप्त उत्तर छलः ओकाद सं बेसी बड़प्पन झाड़निहार पर व्यंग्य जे सही अछि। पुनः नव कहबी प्रस्तुत अछि। एकर वाक्य-प्रयोगक स्वागत अछि।

Friday 19 February, 2010