* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Tuesday 9 February, 2010

बायोडाटा

बायोडाटा खासकए निजी क्षेत्र में नौकरी लेल बड्ड महत्वपूर्ण मानल जाइत छैक। बायोडाटा देखला मात्र सं कोनहु व्यक्ति देया बहुत किछु कहल जा सकैछ। आजुक दैनिक जागरण में एहि संबंध में प्रकाशित ई आलेख देखूः
रेज्युम के प्रेजेंटेशन को लेकर हर कोई परेशान रहता है क्योंकि नियोक्ता उम्मीदवार से रू-ब-रू होने से पहले उसके रेज्युम को देखकर उसके व्यक्तित्व व उसकी काबलियत का अंदाजा लगाते हैं। अंग्रेजी में कहावत है फ‌र्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी लोग अपने रेज्युम को तैयार करते समय विशेष सावधानियां बरतते हैं। कई बार छोटी-मोटी गलतियों की वजह से कुछ ऐसी कमियां रह जाती हैं जो कैरियर पर निगेटिव इफेक्ट डाल सकती हैं। इसलिए रेज्युम प्रिपेयर करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
  • एक आइडियल रेज्युम एक पेज का होना चाहिए और उसमें सिर्फ वहीं इंफार्मेशन होनी चाहिए जो एम्पायर जानना चाहते हैं।
  • जिस पोस्ट के लिए आवेदन करने वाले हैं उससे रिलेटेड स्किल्स और एक्सपीरियेंसेज जरूर लिखें।
  • लोगों के पढ़ने का क्रम ऊपर से नीचे की ओर होता है इसलिए सारी इंपोर्टेट स्किल्स और एक्सपीरियेंसेस ऊपर लिखें ताकि पढ़ते वक्त ध्यान उस पर जाये।
  • अगर पहले कहीं जाब कर चुके हों तो उसके एक्सपीरियेंसेज को हाइलाइट करें।
  • सेंटेन्स फार्मेशन छोटी और स्ट्रेट हों ताकि उसका मतलब क्लीयर रहे। पढ़ने वाले को आसानी से समझ में आ जाये।
  • एकेडमिक क्वालिफिकेशन शार्ट में लिखें।
  • एक पेज का ही रेज्युम बनायें पर पूरी जानकारी के चक्कर में पेज भरा-भरा ना दिखे इसलिए स्पेस का ख्याल रखें।
  • रेज्युम में अपनी हाबी मेंशन न करें क्योंकि नियोक्ता को उम्मीदवार की हाबी में रूचि नहीं होती।
  • अपना मेल आईडी और फोन नम्बर जरूर लिखें।
  • रेज्युम कम्प्लीट करने के बाद उसकी एक हार्ड कापी बनाकर चेक करें कि कहीं कुछ छूट तो नहीं गया।
  • रेज्युम में रेफरेंस लिखना न भूलें। पर उसी व्यक्ति का नाम दें जो आपको अच्छी तरह जानता हो और आप के रेफरेंस वाली बात से उसे कोई समस्या न हो।
  • लैंग्वेज स्किल के बारे में न भी पूछा गया हो तो भी मेंशन जरूर करें ये आपके रेज्युम को रिच बनाता है।
  • एब्रीविएशन का इस्तेमाल न करें और अगर करना हो तो प्रचलित शब्दों का इस्तेमाल करें।
  • अगर रेज्युम मेल करना हो तो दो बार करें ताकि कंफर्मेशन हो जाये।
  • मेल करते रेज्युम को अटैचमेंट के फार्मेट में भेजें।

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