तुलु भाषा के संबंध में पहिल प्रामाणिक किताब प्रकाशित कएनिहार प्रख्यात साहित्यकार सी राघवन कें आइ केरल केर कासरगोड मे एक निजी अस्पताल में स्वर्गवास भ गेलनि। ओ 79 बरखक छलाह। 1998 में ओ चंदुमेनन की इंदुलेखा के कन्नड अनुवाद लेल हुनका साहित्य अकादमी पुरस्कार भेटल छनन्हि। श्री राघवन दैनिक मलयालम समाचारपत्र ‘उतरादेशम’ कें संपादक सेहो छलाह।
हुनकर परिवार में पत्नी गिरिजा, एक बेटा आर तीन बेटी छन्हि। श्री राघवन पेशा सं शिक्षक छलाह कतेको साहित्यिक कृति कें मलयालम आर कन्नड में अनुवाद कएने छलथि।
हुनकर परिवार में पत्नी गिरिजा, एक बेटा आर तीन बेटी छन्हि। श्री राघवन पेशा सं शिक्षक छलाह कतेको साहित्यिक कृति कें मलयालम आर कन्नड में अनुवाद कएने छलथि।
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