दूरस्थ शिक्षा के जरिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) स्कूली पढ़ाई केर अवसर भले उपलब्ध करबैत हुअए, मुदा राज्य सरकार सभहक एहि में कोनो रूचि नहि छैक। इएह देखि, केंद्र आब ओपेन स्कूलिंग (मुक्त विद्यालयी) कें नव नीति बनएबाक विचार क रहल अछि। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल काल्हि दिल्ली मे राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान कें वार्षिक सम्मेलन में, स्कूली शिक्षाक एहि व्यवस्थाक प्रतिएं राज्यकें अनमुन देखि पिताएल छलाह। कहलनि जे ओपेन स्कूलिंग में राज्यक रवैया ठीक नहि छैक किएक तं चौदहे टा राज्य ओपेन स्कूलिंग शुरू करबाक सैद्धांतिक सहमति देने छथि आ जे देने छथि सेहो ओहि पर काज आगां नहि बढा रहल छथि।उत्तर प्रदेश आर कर्नाटक में एखन किछु नहिं कएल गेल अछि जबकि सहमति देबा में ई दुनू राज्य अगुवाएल छल। माध्यमिक शिक्षा कें जे लक्ष्य 2020 तक केर लेल राखल गेल छैक ओहिमें ओपेन स्कूलिंग कें अहम योगदान छैक। एखन 14 सं 18 सालक एक करोड़ बच्चा माध्यमिक शिक्षा में छैक मुदा ओहिमें सं सिर्फ 16 लाख ओपेन स्कूलिंग में छैक। सिब्बल स्वीकार कएलनि जे नियमित स्कूली शिक्षा के सामने एखन धरि ओपेन स्कूलिंग विश्वसनीय नहि बनि पाएल अछि। जं नियमित स्कूल एकरा स्वीकार क लैक तं शिक्षा केर गुणवत्ता आ विश्वसनीयता -दुनू बढ़तैक। सिब्बल जी कें कहब रहनि जे मंत्रालय कें ओपेन स्कूलिंग लेल नव नीति तैयार करबाक चाही आ ओहि प्रक्रिया मे स्कूलके संगहि विश्वविद्यालय सभहक वीसी कुलपतियों कें सेहो शामिल करबाक चाही।
(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,16.2.10 में प्रकाशित खबरि पर आधारित)
(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,16.2.10 में प्रकाशित खबरि पर आधारित)
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