* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Friday, 5 March 2010

भाषा कें बचाओल जाए

बिहार समेत देशभरि मे,हिंदी छोड़ि आन शायदे कोनो एहन भाषा हुअए जकर स्थिति विश्वविद्यालय स्तर पर नीक कहल जा सकए। कतेको विश्वविद्यालय मे,मानविकी कें विभाग बन्न भ गेल। भाषा पर सोझे किछु नहि कहि किछु चलाक लोक सभ विषय कें रोजगारोन्मुख आ रूचिकर बनएबा दिस संकेत करैत छथि। बिहारो मे पछिला किछु महीना सं रैशनलाइजेशन केर नाम पर जे भ रहल छैक ओकर संकेत इएह छैक जे मैथिली समेत किछु आन भाषा साहित्य विषय मे शिक्षक केर भर्ती कम हएत। ई बहुत स्पष्ट छैक जे सरकारी संरक्षण बिनु भाषाक विकास गप्पे टा रहि जाइत छैक। भारतीय भाषा परिषद्,मैसूर द्वारा एम्हर पटना मे कार्यशाला आयोजित कएल गेल जाहि मे मैथिली समेत आन भाषा सभ कें विकासक योजना पर चर्चा कएल गेल।

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