* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Saturday, 9 January 2010

आइसीएसई बोर्ड सं पर्यावरण विषय समाप्ति केर तैयारी

स्नातक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा कें एक विषय के रूप में मान्यता नहिं भेटला सं परेशान आईसीएसई बोर्ड आब एकरा विषय के तौर पर नहिं पढएबाक निर्णय कएलक अछि। सत्र 2013 सं, एकरा जीव विज्ञान, रसायन आ सामाजिक विज्ञान में शामिल कए पढ़ाओल जएतैक। एनवायरममेंटल एजुकेशन के सामाजिक विज्ञान आ विज्ञान विषय केर संग जोड़ला सं, एहि विषय सभहक पाठ्यक्रम में सेहो बदलाव करए पड़तैक।
सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देश के देखैत, बोर्ड वर्ष 2007 सं एहि विषय केर शुरुआत कएने छल। एहि विषय में नीक अंक देल जाइत छल जाहि सं बोर्ड केर परीक्षा परिणाम नीक हेबए लागल छल। बोर्ड बड्ड कोशिश कएलक,मुदा दिल्ली विश्वविद्यालय एकरा मुख्य विषय के रूप में मान्यता नहिं देलक जाहि कारणें साल-दर-साल छात्रलोकनिक समक्ष संकट ठाढ भ गेल छल। आनो विश्वविद्यालय सभहक इएह स्थिति रहैक। किछु विश्वविद्यालय एहि विषय कें मान्यता दैत छथि,किछु नहिं। काउंसिल फॉर द बोर्ड इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के सचिव गैरी अराथून के संदर्भ दैत,दैनिक भास्कर में अझुका रिपोर्ट में कहैत अछि जे हालहि में बोर्ड केर बैठक में ई निर्णय कएल गेल जे आब एहि विषय के विज्ञान आ सामाजिक विज्ञान सभहक संग समायोजित कए देल जाए। एखने ग्लोबल वार्मिंग पर जे कोपेनहेगन में जे विचार-विमर्श होइत छल ताहि में सरकार घोषणा कएलक जे हम स्वयं कार्बन उत्सर्जन में कटौती लेल उपाय करब। स्कूली स्तर सं एहि देया जागरुकताक प्रसार नीक प्रयास होईतैक। मुदा,जयराम रमेश जी के थकान एखन नहिं उतरल छन्हि। कान में करू तेल द कए सूतल बुझाइत छथि।

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