* * * पटना के पैरा-मेडिकल संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च जयपुर कें निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत कएल गेल। *

Monday, 23 November 2009

सूचना अधिकारक फीस पर बकवास जारी

देश भरि में इएह हिसाब चलि रहल छैक जे दसे टाका में आरटीआई फाइल कएल जाइत छैक। मुदा किछु दिन पहिने,चमचालोकनि बिहार राज्य सरकार के गुमराह करबा में सफल भ गेलाह। दलील देलखिन्ह जे एकहि टा आवेदन में मारिते प्रश्न रहैत छैक,तें जवाब निर्धारित समय-सीमा में देब मोसकिल भ रहल अछि। राज्यो सरकार सहमत भ गेल जे नवरत्न लोकनि ठीके कहि रहल छथि। मुदा जकरा बूझल छैक जे काज केना होइत छैक,से एहि सहमति पर हंसिए टा सकैत छथि। किएक तं,आवेदन में पूछल गेल प्रश्न जं एक सं बेसी विभाग सं संबद्ध रहैत छैक,तं तत्काल सभहक फोटोकॉपी संबंधित विभाग के भेज देल जाइत छैक आ निर्धारित समय में जवाब देबा लेल निर्देश देल जाइत छैक। फेर सब विभागक जवाब समेकित कए आवेदनकर्ता के पठाओल जाइत छैक। मानि लिअ,केओ एक आवेदन में दस टा प्रश्न पूछबाक बजाए दस टा आवेदन एकहि दिन दायर क दिअए जे अलग-अलग विभाग सं संबंधित हुअए,तखन विभाग केना जवाब देतैक?स्पष्ट छैक जे दसटकिया आमदनी पर ध्यान केंद्रित नहिं कए नीतीश सरकार उद्योग-धंधा लगएबा पर ध्यान लगाबैथ। ओहि सं राज्यक कल्याण हेतैक। एहि बढल फीस पर बिहार में जारी हंगामा पर ई ताजा रिपोर्ट पढ़ूः




21 नवम्बर,2009 केर हिंदुस्तान,पटना में यथाप्रकाशित

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